प्राचार्य
जब एक वर्ष की योजना बनाओ, तो मक्का बोओ, जब एक दशक की योजना बनाओ, तो पेड़ लगाओ और जब जीवन की योजना बनाओ, तो बच्चे को शिक्षित करो। कहावत में व्यक्त शिक्षा का महत्व और उपयोगिता ऐसी है। कोई भी अनपढ़ देश समृद्ध नहीं है। आप में से एक के रूप में मैं हमारे सामने सबसे कठिन और चुनौतीपूर्ण कार्य को समझता और सराहता हूँ। एक बच्चे के भाग्य को आकार देना हम में से प्रत्येक के लिए बहुत गर्व की बात है शिक्षण एक करियर/पेशे से कहीं अधिक है। एक बच्चे को एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में ढालना और आकार देना हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। मुझे यकीन है कि मेरे छात्र समाज के उत्पादक, बुद्धिमान और ईमानदार नागरिक बनेंगे। इसे प्राप्त करने के लिए माता-पिता की सक्रिय भागीदारी और सहयोग भी बेहद आवश्यक होगा। हम उत्कृष्टता के नए रास्ते तलाशने के लिए पूरे उत्साह के साथ प्रयास करते हैं छात्रों की वास्तविक मदद के लिए पाठ्यक्रम, सह-पाठ्यचर्या और पाठ्येतर गतिविधियों की योजना और क्रियान्वयन अत्यंत सटीकता से किया जाता है। एक शानदार इमारत, मनोरम परिवेश, जीवंत वीएमसी समर्पित कर्मचारी और मनमोहक छात्र इस ज्ञान के मंदिर की अनूठी विशेषताएँ हैं। हम एक-दूसरे का साहस और देखभाल करते हैं।
श्री दविंदर सिंह
प्रधानाचार्य